Wednesday, December 17, 2014

"तुमसे मिले एक ज़माना हुआ है मुझे 
मगर फिर क्यों ऐसा महसूस हुआ कि 
अभी ही मुझसे मिलकर गया है कोई "

 "क्या सच में उसके आने की आहट सुनाई दी है 
या यूं ही हवाओं में संदल की सी खुशबू महक रही है "

Tuesday, December 2, 2014

 "कुछ मदहोशी सी छायी है  
 आज फिर याद उसकी
 बेतहाशा आयी है
 क्यों नही
 हमेशा के लिये निकल जाती
 मेरे दिल से उसकी यादें
 कब तक इस तरह
 पल - पल जलना
सोच कर की आज ख़त्म
ही  कर दूँ ये किस्सा
जैसे ही मैंने अपनी
आँखों को बंद किया
फिर उसका चेहरा मेरी
बंद आँखों में  नज़र आया "

Saturday, November 29, 2014

"उसकी इबादत में उठाये थे अपने दोनों हाथ मैंने
 पर लोगों ने मुझे खुदा का ख़ादिम समझ लिया " 

 "ऐसा क्या हुआ जो
वो मुझसे जुदा हो गया
क्या मेरे मुक़ददर में उसका
बस इतना ही साथ लिखा था"



Wednesday, November 19, 2014

"कुछ उसकी यादें कुछ उसके वादे
दोनों ही मुझे उसकी याद दिलाते हैं "

Wednesday, November 12, 2014

"वो अजनबी ही अच्छा था
उसे जब से अपना बनाया
वो कितना बदल गया है "

Tuesday, November 11, 2014

"कैसे टूटा उसके प्यार का तिलिस्म नही पता 
जो कल तक मैं उसके प्यार के भंवर में
गहरे तक डूबने पर खुश थी
आज उससे दूर होने पर भी ग़मगीन नही"
"उसकी यादों का खंज़र अब तक टीस देता है दिल को मेरे
  उसे निकालने को कोशिश में यूं ही बरसों बीत गये "

Monday, November 3, 2014

"उसको चाहना ही गर गुनाह है मेरा 
तो मुझे बार - बार यह गुनाह करने दो "
"इतनी दफ़ा तो हमने खुदा का नाम भी नहीं लिया 
जितनी दफ़ा हमने तुझे याद किया है "

Thursday, October 30, 2014

"महसूस खुद को तेरे बिना मैंने कभी किया नही 
हर लम्हें में बस तू है तेरे सिवा दूसरा कोई भी नही "

Sunday, October 26, 2014

"उसकी यादों का सैलाब फिर मुझे बहा ले गया दूर तक अपने साथ
 कुछ भी नही छोड़ा उसने मुझमें बस वो ही वो था मेरे अंदर बाहर "

Thursday, October 9, 2014

देखा है मैंने तुम्हारा ही रास्ता हर बार 
किया है तुमसे ही बस प्यार बेशुमार 
पर तुम पलट गए खुद कह कर 
करता हूँ बस तुमसे ही प्यार 
चाहा मैंने भी कि भुला दूँ तुम्हे 
चली जाऊँ तुमसे हमेशा के लिए दूर 
पर यह दिल जिसमें तुम बस गये 
न जाने कहाँ से आकर 
जाना ही नही चाहता 
तुम्हारी यादों से दूर 
हो जहाँ भी तुम 
मिले तुम्हें  मेरे भी हिस्से की खुशियाँ 
चाहा है बस तुम्हें ही बार - बार 
देखा है मैंने तुम्हारा ही रास्ता हर बार 



Monday, October 6, 2014

ख़ामोश इश्क़ प्रेमी को 
धीमे - धीमे सुलगने पर मजबूर करता है 
जिसका धुआं उसकी साँसों में 
घुलता जाता है 


"तू मुझे चाहे ना चाहे कोई शिकवा नही 
अपना माने ना माने ग़िला नही 
पर मेरे दिल के खुश को रहने के लिए 
बस तेरा एक ख़्याल ही काफी है "


Friday, October 3, 2014

"तुम्हारे सिवा सोचा ही नही
 कभी किसी दूसरे  के बारें में
 यहाँ तक की खुद को भी
भुला दिया तुम्हारे प्यार में "
मेरे प्यार का इतना तो इम्तेहान न लो अब तुम
कहीं मुझे अपने प्यार से ही नफरत न हो जाए "

Wednesday, October 1, 2014

"डर लगता है हर वक्त
 यह सोचकर कि 
किसी दिन चुपके से 
तुम निकल न जाओ 
मेरे दिल से कहीं 
इसलिए नींद में भी
मैं अपने दिल को 
पकड़ कर रखती हूँ "  


Monday, September 22, 2014

"वो था एक अजनबी 
 क्यों लगा अपना सा 
उसका एक पल का मिलना ही 
मुझे जीवन में मुस्कुराने की
 हज़ारों वजह दे गया "

Thursday, September 18, 2014

 "उसके प्यार में सुरूर ही कुछ ऐसा है
उसे याद करते ही मैं खो सी जाती हूँ कहीं "

Wednesday, September 17, 2014

"तुम्हारी यादों का बेधड़क मेरे दिल में आना
मुझे तुम्हारा और भी दीवाना बना देती  हैं
चाहूँ या मैं न चाहूँ ये तुम्हारी मीठी सी यादें
पल पल मुझे तुम्हारे और करीब ले जाती हैं "

Monday, September 15, 2014

"पल पल उसका अहसास मुझे
मुस्कुराने पर मजबूर करता है 
उसकी चंचल बातें 
उसका दीवानापन 
मुझे भी उसकी तरह 
दीवानी बना देता है "

Saturday, September 13, 2014

"कुछ तो नूर है इन हवाओं में यूं ही नही 
मेरे दिल की धड़कने बढ़ी हुई हैं 
उसने मुस्कुराने की खबर
क्या सारी कायनात को है "

Thursday, September 11, 2014

रातों में जागने का सिला वो मुझे दे गया 
मोहब्बत तो दे न सका अपनी 
पर बद दुआ वो मुझे दे गया 
तिनका तिनका दर्द में जलने की 
वजह भी ता उम्र के लिए दे गया 

Sunday, September 7, 2014

"उसे मैंने खोया ही नही कभी 
वो तो मेरी हर सांस में समाया है 
फिर क्यों लगता है ऐसा 
जब वो मुझसे दूर जाता है 
कि अब वो मेरा नही रहा "

Sunday, August 31, 2014

"उसे याद करूँ या न करूँ
 उसकी यादें खुद ब खुद
 चली आती हैं मेरे पास
 यह कहने के लिए
 जितनी तू उदास है
 उतना ही वो भी गुमसुम
 है तेरे बिना फिर क्यों
 तन्हा से लगते हो दोनों
 जबकि एक कश्ती के
 दो मुसाफिर तो हो" 

Friday, August 29, 2014

"मेरी सुबह - शामों में जिक्र तेरा मेरी रात - ख़्वाबों में भी हुआ जिक्र तेरा 
 दिन के हर पल में जिक्र तेरा और किया मेरी साँसों ने भी जिक्र तेरा "

Wednesday, August 27, 2014

"सबसे प्यारा अहसास है यह मेरा
  उसकी यादों में डूब कर
  जी भर उसे प्यार करना
  वो चाहे या न चाहे मुझे
  उसे कुछ भी  बताये बिना
 चुपचाप उसे प्यार करना "
"कुछ सुख के कुछ दुःख के
  ये हैं मेरे अपने कुछ अहसास
 इन्हें जिया भी है मैंने, खुद ने
 वैसे भी अपने अहसासों को तो
हर कोई खुद ही जी सकता है "

Saturday, August 23, 2014

"जब रहना ही है तुम्हे मेरे दिल और दिमाग में
तो क्यों तड़पाते हो दर्द देते हो मुझे रात दिन
 क्यों नही आते हो पास मेरे
 क्यों दूर रह कर ग़िला करते हो मुझसे
 तुम और मैं हम बन जाए
 करो कुछ तो ऐसा भी  कभी मेरे लिए " 

Thursday, August 21, 2014

"सोचा था कभी न कहेगें हम उससे अपने दिल की बातें
 पर मुझे देखते ही वो मेरा सब हाले दिल जान गया "

Saturday, August 16, 2014

"दिल को बस उसी की है चाह
 सोचा कई दफ़े कि
 उसे जाकर मैं यह कह दूँ
 पर सोच कर डरता है यह दिल
 गर उसने इंकार कर दिया तो "

Wednesday, August 13, 2014

 "तड़पता है वो अक्सर मेरी यादों में मुझे है यह पता 
 पर कभी भी वो मेरे करीब नही आयेगा 
 क्योंकि उसने मुझे भी अपने साथ 
 तड़पाने की कसम जो खायी है "

Monday, August 11, 2014

तेरी इबादत की है हमने रब से भी ज्यादा
क्योंकि दिल ने तुझे अपना खुदा जो माना है"

"तुम्हें अपने मुक़ददर में हमने लिख लिया
  अब जो भी होगा अंजाम देखा जायेगा "

Saturday, August 9, 2014

राखी का पावन त्यौहार

भाई - बहन का वो प्यार
 वो लड़ना - झगड़ना
 यूं तो याद आता है
 हर बार
 पर राखी में
 भाई से दूर होने पर
 आँखे तो नम होती हैं
 पर दिलों को और
 भी करीब लाता है
राखी का यह पावन त्यौहार

Friday, August 8, 2014

"कुछ तो खूबियाँ होंगी ही उस जालिम में
 जो वो आज मेरे नही उसके करीब है "
"उसकी आँखों में नमी देखी है मैंने
 किसकी यादों का असर है यह "   

Wednesday, August 6, 2014

"जब से सुनी है हमने इस दिल की बात एक बार
  तब से यह हमारी सुनता है नही
 याद करता दिन रात है किसी दूसरे को
  और दर्द में तड़पना हमे पड़ता है "

"दिल लगाने का गुनाह गर हुआ है इस दिल से
 तो तड़पने की सज़ा का हक़दार भी होगा यह "

Monday, August 4, 2014

"जिस दिल में तुम्हारी चाह होगी
  मिलने के लिए राह बना ही लेगा
 क्या बैठना उसके सामने जिसके
 दिल के तुम तलबगार ही नही "

Friday, August 1, 2014

"क्यों रुसवा करे हम उसे गर वो हमारा हुआ नहीं 
  ख़ता तो हमारी ही है जो हम उसके हो गये "

Thursday, July 31, 2014

दूर होता है हर गम धीरे - धीरे
यादें भी धुंधली पड़ जाती है
आता है जीवन में कुछ ऐसा वक्त भी
जीना मुश्किल होता है जिसके बिना कभी
फिर सुकून देता है उससे दूर रहना भी
लगता है ऐसा भी कभी
नही है हमारा उसके सिवा कोई
लेकिन फिर संभल ही जाता है
टूटा हुआ दिल भी "

अब दिल की नही सुनेगें हम

"अब दिल की नही सुनेगें हम
 बहुत सुनी हमने इसकी 
 पर इसने एक नही सुनी हमारी 
 अब सुनने की बारी है इस नकारे की 
 बहुत सताया, तड़पाया है इसने हमें 
 यह कह कर उसे याद करो 
 जलो रात दिन उसकी यादों में
 बहुत हुआ इसका जुर्म हम पर 
 मिला क्या इसकी सुनकर 
 सिर्फ दर्द और ज़लालत 
 क्यों सुनते हैं हम इसकी 
 जब यह किसी की भी नही सुनता 
 वैसे भी आज तक किसी को कुछ मिला है 
 जो मुझे मिल जाता "


Wednesday, July 30, 2014

 "गर भुलाना इतना आसान होता बीती बातों को, तो सबसे पहले उसे ही हम भुला देते
 गर मिटाना आसान होता यादों को तो दिल गवाह है हम दिल ही मिटा देते जिस्म से  "
"अब दिल नही करता है कि उसकी बातों पर हम करें यकीं
  लेकिन दिल तो दिल ही है बहलावे में आ ही जाता है "

Tuesday, July 29, 2014

" अपने दिल में छुपा कर उसकी धड़कनों को सुनते है
  अपनी आँखों में बसा कर उसके ही सपने बुनते  हैं
    जिस तरह चुराया है उसने चैन मेरा
  सोचते हैं कभी तो हम भी उसे ऐसे ही तड़पाये "

 "एक चाँद आसमान में देख कर  सबने एक दूसरे को बधाई दी ईद की
 एक चाँद है वो मेरा प्रियतम जिसे देखकर हर रोज़ ही मेरी ईद होती है "  

Monday, July 28, 2014

 "दिल में एक आरजू सी जगी है
 तू हो पास मेरे बस यहीं 
 ना जा मुझसे तू यूं दूर बार - बार
 आकर बस जा मेरे में कहीं "    

Wednesday, July 23, 2014

   "उसका जैसा कोई दूसरा नही मिला मुझे आज तक  
  गर कहीं ऐसा होता तो फिर मुझे उससे दूसरी बार प्यार हो जाता "
 "राहें जुदा हो गयी तो क्या 
 तसव्वुर में तो उसका ही ख्याल है " 

Tuesday, July 22, 2014

"मेरी रूह में बस गया है वो इश्क़ सा
 निकलेगा अब तो वो मेरी जां के साथ"

Monday, July 21, 2014


कभी तो हम भी उनकी निगाह ए गुफ़्तगु हुआ करते थे 
वो भी एक दौर था 
और अब आज हमारा जिक्र तक  उन्हें मंजूर नही  
यह भी एक दौर है 
कभी तो वो भी दम भरा करते थे हमारी चाहत का
आज दूर हैं हमसे तो क्या गिला 
इस राह ए सफ़र में अजनबी  हमसफ़र बनते हैं 
राहे गर बदल जाए तो क्या गिला 



 "क्यों सपनों में ही महसूस करे हम उसकी महक 
 क्या रूबरू उससे कभी मुलाकात नही होगी हमारी" 
"तू रहे ताउम्र सलामत कोई भी गम न तुझे कभी सताये 
 लगे जो ठोकर कभी कोई तुझे मेरी याद न आये "


Tuesday, July 15, 2014

"जी चाहता है छुपा के सबसे
उसे अपने दिल में बसा कर रखूँ
हाथों में लेकर उसका चेहरा दिन भर निहारूँ
छोटी से छोटी अपनी सब बाते मैं उसे सुनाऊँ
तंग करूँ उसे फिर जब वो नाराज़ हो
प्यार से गले में डाल कर
अपनी बाहें उसे मनाऊँ
सावन के इस महीने में
 वो पास हो मेरे
बस इतना सा ही मैं चाहूँ  "  

Monday, July 14, 2014

मैं जमाने से ख़फ़ा नही 
बल्कि खुद से ही खफा हूँ 
कि क्यों मैं उसके 
बनाये हुए रास्तों पर 
चल नही पायी 
क्यों मैं उसके मुताबिक 
खुद को ढाल नही पायी " 

Saturday, July 12, 2014

" दिल में बसाया तुझे 
  ख्वाबों में सजाया तुझे 
  वक्त का तकाज़ा कह कर 
   बदल गया तू 
  फिर भी अपनी दुआओं में 
  शामिल किया तुझे "


 "खुदा समझ कर पूजा की  जिसकी बरसों हमने
 वक्त के साथ इल्म हुआ कि वो तो पत्थर का टुकड़ा भी नही था " 

Tuesday, July 8, 2014

"भूलने की आदत है मेरी यह कभी उसने कहा था मुझसे
  जबकि उसने तो मुझे हमेशा के लिए ही भुला दिया " 

Monday, July 7, 2014

"जिसकी यादों ने जीना मुहाल किया था मेरा कभी
 वही शख्स आज फिर मेरे रूबरू आ गया" 

Friday, July 4, 2014

"धीरे - धीरे खुद को आज़ाद कर रही हूँ मैं उसकी यादों से
   नही जानती  फिर  क्यों अब आँखे नम हैं मेरी "

Wednesday, July 2, 2014

"अब उसकी यादों के बिना जीना सीख लिया हमने
 यह क्या अभी फिर उसे याद किया हमने "

Monday, June 30, 2014

"उसकी याद और फिर एक दर्द
कुछ चुभन दिल में और आँखे नम "   

Friday, June 27, 2014

" कुछ तो हलचल हुई होगी उसके भी दिल में
   जब उसने मेरा जिक्र सुना होगा "

Wednesday, June 25, 2014

"क्यों हर बार उसका ऐतबार करते हैं हम
 जिसे इसका मतलब भी नहीं मालूम " 
"फाँस की तरह दर्द देते हो अब तुम
  निकलते भी नही मेरे दिल से
  बस चुभते ही रहते हो हर वक्त" 
"कैसे उसे अब भूलूँ जो कभी
 आदत बन गया था मेरी " 

Monday, June 23, 2014

"दुनिया की इस भीड़ में यूं तो मिल जायेगें बहुत आपको छूने वाले
  पर इनमे से कोई एक ही आपके मन को छू पाता  है" 
 "क्यों उसका इंतज़ार हम करते हैं जबकि हमें यह भी
 मालूम है कि कभी उसे हमारी गली में  आना  ही नही "
"बारिश का यह रिमझिम मौसम
तुम्हारा अहसास
बहुत है मेरे तन मन
की बेचैनी बढ़ाने के लिए "

Saturday, June 21, 2014

"यादों का जिक्र भर करना ही आँखों में आंसू लाना होता है
क्यों इनका काम हर किसी का दिल दुखाना ही होता है "

Wednesday, June 11, 2014

"अपने मुक़ददर में माँगा है तुझे 
 बड़ी मन्नतों से माँगा है तुझे
 कभी न होना अब इस दिल से दूर 
 बड़ी शिदद्तोँ से चाहा है तुझे " 

Monday, June 9, 2014

"जिस अदा से तुम हम पर  इल्ज़ाम लगाते हो
बेगुनाह होते हुए भी हम अपना गुनाह मान लेते हैं"  
"वो था खोया मेरे ही ख्यालों में
और मैं ढूँढती रही उसे न जाने कहाँ - कहाँ "
  

Thursday, June 5, 2014

"सोचते हैं जब भी तेरे बारें में चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है 
 और पूछते हैं लोग वजह हमसे इस तरह बे वजह मुस्कुराने की " 
"शिकवे - गिले, रूठना - मनाना, प्यार - मौहब्बत  
ये सारी रौनक जिंदगी में बस  तुमसे  ही है" 

Thursday, May 29, 2014

 "कहाँ हूँ मैं यह मुझे भी होश नहीं
कहीं मैं तेरे ही ख्यालों में गुम तो नहीं "  

Tuesday, May 27, 2014

"तुझे पाने की उम्मीद आज भी है हमें
  पर कभी भूलना ग़वारा नही "
"जब तुम्हें भूल जाना चाहती हूँ तब क्यों तुम्हें ही याद करता है मेरा यह दिल 
  कितना जिद्दी है यह भी इसने क्या कभी किसी की सुनी है "

Saturday, May 24, 2014

"मेरी है तू, तेरा हूँ मैं, मेरी साँसों में आ के समां जा 
पल दो पल की दूरी है बस तेरे मेरे दरमियाँ  
कहाँ है तू आ जा मेरी बाहों में आ जा
मेरे दिल पर छाया है बस अब तेरा ही सुरुर 
रूबरू हूँ मैं तेरे, रूबरू हो तू मेरे 
और क्या चाहूँ मैं अब खुदा से अपने "

Tuesday, May 20, 2014

"रूबरू हूँ मैं तेरे रूबरू हो तू मेरे
"बस इसके सिवा नही अब कुछ भी न  चाहा "

Monday, May 19, 2014

"उनके पास जाने पर  वो नाराज़ होकर हमसे दूर जाने लगते हैं
जब हम दूर जाना चाहते हैं तो वो हमें अपने पास बुलाते हैं "  

Tuesday, May 13, 2014

"सोचा ना था कभी ऐसे भी
 हालातों से वास्ता पडेगा हमारा
किसी के इस कदर पास आ जायेगें कि
दूर जाना भी मुश्किल होगा हमारा
वो दर्द देगा हमें फ़िर भी
हम मुस्कुरायेगें उसे ही याद करके
चाह कर भी दूर ना हो सकेगें उससे
और पल पल उसके ही नजदीक जायेगें
उसे पता भी ना चलेगा और
एक दिन ऐसे ही उसकी
यादों के साथ दफ़न हम हो जायेंगे "
"क्यों खो जाते हो बार  - बार इस दुनिया की भीड़ में
   एक बार मेरा हाथ थाम के तो देखो जरा "
"पहले भी कुछ न माँगा था तुमसे अब भी न कुछ मांगा है
 तुम खुश रहो हमेशा बस यही खुदा से हर बार माँगा है "

Monday, May 12, 2014

दर्द में भी जीना सीख लिया है अब हमने
उसकी यादों को भुलाना भी सीख लिया है हमने 
सोचा न था जिसे सबसे ज्यादा चाहा था हमने 
वो ही इतने  इल्जाम देगा हमें" 


Friday, May 9, 2014

"वो था ही कब हमारा
उसे जाना ही था एक दिन 
और वो चला गया
फिर क्यों उसका इंतज़ार
हम घड़ी -घड़ी  आज भी करते हैं "  


Tuesday, May 6, 2014

"भले ही तू तोड़ता जा अपने हरेक वादे को
फिर भी हमें यकीन हैं अपनी मोहब्बत पर
वादे तोडना तेरी फितरत है तो क्या
मोहब्बत करना मेरी  आदत  है "
"भूल जाना चाहती हूँ तुम्हें मै
 पर कैसे मुमकिन हो यह
  जबकि तुम्हारी यादें ही
 तुम्हें भूलने नही देती "

Monday, May 5, 2014

"जिस दिन तुमसे  होती नहीं मुलाकात
 कुछ अधूरा सा पाती हूँ अपने अंदर
  कह नही पाती तुमसे कुछ भी
बस दिल ही दिल घुटती रहती हूँ मैं "

"क्यों उलझनें दिल की हमारी बढ़ाते हो
 अब मान भी जाओ हमसे
  हम थक गये हैं मनुहार कर कर के
  एक तुम हो कि थके नही
 अभी तक नाराज़ रह कर भी "
"वो कुछ इस कदर हैं ख़फ़ा हमसे मनाने से भी नहीँ मानते
उन्हें यह नहीं मालूम कि गर हम भी हो गये ख़फ़ा उनसे
तो ताउम्र  तड़पेगे हम भी और वो भी एक दूसरे के बिना "

Tuesday, April 29, 2014

"ना सोचा था कि इस तरह तुमसे बिछुड़ना होगा
अब सोचते हैं कि जो हुआ शायद अच्छा ही हुआ "
"किये तो थे बहुत सारे वादे तुमने
  जब निभाने का वक्त आया
 तो ऐसे भागे की देखा भी नही
  पीछे मुड़ कर एक भी बार " 

Monday, April 28, 2014

"अब बार -- बार
 नही होगा ऐसा
जब तुम चाहे आओ और
जब चाहे जाओ
अब तुम छोड़ो मुझे
मेरे हाल पर
अबकी बार जो गये हो
तो वापस आना नही
मेरे पास " 
"एक बार फिर तुम गये
 मुझे अपमानित करके
मेरे चरित्र पर ऊँगली उठा कर
क्यों होता है हर बार ऐसा
मेरा दिल दुखाते हो
माना मैं बहुत अच्छी नही
लेकिन क्या कुछ भी अच्छा
नही मुझमें "

Friday, April 25, 2014

"हम इतराये से फिरते थे अपने हुस्न पर पर जबसे देखा उसे
 सब कुछ भूल गये दीवाने बन बैठे उसके जैसे जादू सा कर गया कोई "

Thursday, April 17, 2014

"अब तुम्हें भूल सकते नहीं हम खुद को तो पहले ही भुल चुके हैं तुम्हारे प्यार में " 

Tuesday, April 15, 2014

"मझधार में ही छोड़ कर चला गया वो मुझे अकेले
 पर जाते - जाते उसने मेरा इतना तो ख्याल रखा
 यह सोच कर कि त्तन्हा जिंदगी का सफर कैसे काटूँगी 
  अपनी सभी यादों को छोड़ गया पास मेरे "

Friday, April 11, 2014

"वो अक्सर तंज़ करते हैं कि रस्म ऐ उल्फत की अदायगी
 हमारे बस की बात नहीं हम कैसे उन्हें बताये कि
 रस्म ऐ उल्फत तो हम निभा ही  रहे हैं क्योंकि
अब उन्हें  भुला पाना भी हमारे बस की बात नहीं " 

Thursday, April 10, 2014

"हसरत थी दिल में कभी किसी से दिल लगायेगें हम भी 
  पर ये न सोचा था कि क्या करेगें जब दिल टूटेगा  
  दिल का दर्द आँखों से बहेगा 
 कह भी न सकेगे किसी से हाले दिल अपना  
 तड़पेंगे अकेले में फिर भी उसे ही दुआये देगें
 जिसने ये हाले  दिल हमारा किया "     
"तुम्हे सोच कर ही बढ़ जाती है जो मेरे चेहरे की रौनक
 गर तुम करीब आ गये किसी रोज़ तो सोचो क्या होगा "
"मौसम के मिज़ाज़ की तरह तो बदलना अच्छा है 
मगर पल पल बदलना कहीं तेरी फितरत तो नहीं "    
" अश्क़ बहाना भी मंजूर नही मुझे और तुझे भुलाना भी 
अब जज्ब कर लिए हैं सारे ज़ज़बात अपने अन्दर मैंने "

Monday, April 7, 2014

"तुम मिलो या न मिलो पर  हम हर मोड़ पर तुम्हारा इंतज़ार करेगें 
तुम आओ या न आओ खवाबों में हम  हर रात तुम्हारा  इंतज़ार करेगें "

Friday, April 4, 2014

"अब तो बस यह ज़िद है कि तुम्हे अपना बनाना है 
क्योंकि हम तो कब के तेरे हो चुके हैं "
"मुझे आदत तो है अपने आप में ही खोये रहने की पर तुम क्यों खामोश हो, 
मुझे तो नशा है तुम्हारी मोहब्बत का पर तुम्हारी आँखे लाल क्यों हैं "

Monday, March 31, 2014

"यह उसके चेहरे का जादू है
 या उसकी आवाज़ का
क्या है यह कशिश उसके प्यार की
दूर जाना चाहूँ तो भी मुझे
उसके पास ही खीच ले जाती है
इसी अहसास के नशे में
 गुम मैं खोई रहती हूँ "

Tuesday, March 25, 2014

"उसे पाने की  ज़िद ने हमें इस कदर दीवाना बना दिया
खुद को तो भूल ही बैठे थे अब खुदा को भी भुला दिया"  

Monday, March 24, 2014

"कुछ तो दिल में उसके भी होगा नही तो क्यों
 दूर जाते समय उसकी भी आँखे छलक जाती "

"वो हमें याद करे न करें यह मर्जी हैं उनकी 
लेकिन उसे भूलने कि गुस्ताखी कभी भी नहीं करता मेरा दिल "
"हमने अपने तरकश के सारे तीर चला दिए फिर भी कुछ भी असर न हुआ उस पर 
जबकि उसकी एक तिरछी नज़र ने ही हमें घयाल कर दिया "


"वक्त वक्त की बात है वो भी क्या दिन थे जब हमसे मिलने  वो बेकरार रहते थे 
और आज यह आलम है कि दूर से देख कर वो हमें अपना रास्ता ही  बदल लेते हैं "


"तन्हाइयों में अक्सर तेरी ही बातें करते हैं हम 
और सामने पाकर तुझे सब कुछ भूल जाते हैं हम "


Saturday, March 22, 2014

 "उसे पाने की दुआ कुबूल होने में थोड़ी देरी हुई तभी 
 मुझे अपनी जिंदगी में उसके मायने समझ आये "
   

Wednesday, March 19, 2014

 "तेरा इक निगाह भर के मुझे देखना ही
तुझे क्या पता कितनी हलचल मचा देता  है मेरे दिल में "
"हम तो वैसे ही रहेगें जैसे थे मगर वो बेपरवाह हो रहे हैं हमसे 
   जिन्होंने अपनी जिंदगी में शामिल किया था कभी "
"आज उसी का ईमान बदल गया 
 जो कभी मेरा खुदा था "

"मेरे दिल को खुश रहने को तेरा अहसास भर ही काफी है 
और इससे ज्यादा मुझे चाहिये भी क्या "

Friday, March 14, 2014

"हम तो उसकी सादगी पर ही मर गए 
कभी वो भी तो हमारी खूबसूरती पर कुर्बान हो "

Wednesday, March 12, 2014

मेरी साँसों में बस गयी है उसकी साँसों की महक
दूर होकर भी मैं उससे रजनीगंधा सी महकती हूँ 

Tuesday, March 4, 2014

"हमारी आँखों के  डोरे  लाल क्यों  ना हों भला
 जो उसकी यादों के जाम  हर पल हम पीते हैं "
  

Monday, March 3, 2014

" तेरी यादें भी अब हमें सताने लगी हैं जितना दूर 
तुझसे हम जाना चाहें ये तेरे ही पास हमें लाने लगी हैं "


Friday, February 28, 2014

 "हमें यह मलाल था कि हम ही सुलगी हुई लकड़ी की
 तरह  धीमा - धीमा उसकी यादों  में जला करते हैं
 पर दिल को तसल्ली हुई आज यह जान कर कि
 वो भी हमारी यादों में दिन रात घुला  करते हैं "  

Wednesday, February 19, 2014

"बहुत ढूंढा किये हम अपना खोया हुआ वजूद  
 पाया भी तो कहाँ वहीं उसके ही साये में "
"डर था हम उससे बिछुड़ने के बाद कहीं  रहें न  हमेशा तन्हा
पर उसकी यादों ने हमें उसकी तरह नही रहने दिया कभी तन्हा "

Tuesday, February 18, 2014

उसकी यादों के भँवर में अक्सर हम खुद को घिरा हुआ पाते हैं
क्यों रह - रह कर हम  उसमें फंसते हैं और फिर बाहर निकल आते हैं "

Wednesday, February 12, 2014

"तुम हो मेरी किस्मत में यह हम तो कब का मान बैठे थे
यह बात और है तुमने यह मानने में ज़रा देर कर दी "

Tuesday, February 11, 2014

तुम्हारी याद

"क्यों जब भी कुछ सोचती हूँ 
  तुम ही याद आ जाते हो 
  जबकि एक अरसा हो गया 
  तुम्हें मुझे भूले हुए 
  मैं चाहती हूँ तुम्हारी तरह 
  निष्ठुर बनना लेकिन नही बन पाती 
  चाहती हूँ तुमसे दूर  जाना 
  पर मन ने कहाँ मेरी सुनी है 
  पहले जो आज भी सुनता  
  मैं तो  भी आज वहीं हूँ 
  जहाँ  तुम मुझे छोड़ कर गये थे "

Monday, February 10, 2014

"तुम्हारे ही सपने देखती हैं जब मेरी आँखे
फिर तुम्हे सामने पाकर झुक क्यों जाती हैं "
"हमारी ही नींदे चुरा कर क्यों वो
 अब हमारे ही ख़वाब देखते हैं "

Thursday, January 30, 2014

"कुछ मेरी धड़कनों ने कहा
कुछ तेरी धड़कनों ने सुना
 छा गया कुछ ऐसा नशा
लगता है जैसे अब नही रहा
दुनिया से कुछ भी वास्ता "

"जुबाँ से न सही नज़र से तो कहो
  कि तुम्हें भी हमारी जरुरत है
 न कहो कि तुम्हे हमसे मोहब्ब्त है
 पर ये तो कहो तुम्हें हमारी चाहत है "

Tuesday, January 28, 2014

 "बहुत दिन रखा हमने उसे दिल के पिंजरे में 
अब छोड़ दिया है उसे आज़ाद पंछी की  तरह "

Friday, January 24, 2014


"हमसे बिछुड़ कर तुम जी नही सकोगे हमसे ज्यादा ये तुम्हे था यकीन 
लेकिन तुम्हारे इस यकीन को हमने तिनके की तरह बिखरते हुए देखा "
"  तुम्हारी एक मुस्कान  के लिये  हम दो जहाँ भी कुर्बान कर देते कर देते 
    बस एक बार झूठ ही सही कह देते कि तुमने भी हमसे मोहब्बत की थी कभी "   

Thursday, January 16, 2014

"हर एक उस लम्हे में भी 
मैं हंसती - गुनगुनाती हूँ 
झूमती -- नाचती हूँ 
जिसमें तू नही है साथ मेरे 
पर तेरी यादें हैं साथ मेरे "

Monday, January 13, 2014

"छिड़ गयी एक दिन जंग
 मेरे और उसकी यादों के बीच
 सोचा मैंने भी कि आज
 मैं यूं ही हार नही मानूंगी
 क्यों हर बार मैं हार जाती हूँ उससे
 मन को पक्का किया दिन भर झटकती
 रही यादों को और लगाया रखा खुद को काम में
 दिन भर तो आराम से बीता
लगा जैसे मैं जीत ही गयी उसकी यादों से
आज, सोच कर खुश हुई थी कि
आँख से एक आंसू बह निकला
फिर मैं आज हार गयी
या यूं कहूँ दिल मेरा जीत गया"       

Thursday, January 9, 2014

"क्या है प्रेम 
मन की भाषा है 
या है देह या आँखों की  
सच क्या है ?
नही जान सका कोई आज तक 
हर किसी का प्रेम अलग  है  
कोई देह के पास आकर खुश है 
तो कोई दूर बैठा दिल में
किसी की यादों के साथ जशन मना रहा  है" 

Wednesday, January 8, 2014

"सामने था वो मेरे हंसते मुस्कुराते हुए 
 उसे देख मैं भी यूं कुछ गुनगुनाने लगी 
पल दो पल ही गुज़रे थे शायद 
कि अचानक आँख खुल गयी 
कोई भी नही था पास मेरे
था तो बस मेरा अपना
प्यारा सा भोर का यह एक सपना " 

Tuesday, January 7, 2014

“जिन्दगी की इन तन्हाइयों में एक उसकी यादों का सहारा काफी है
वो न हो गर पास मेरे तो क्या है गम बस कुछ अहसास ही काफी हैं”

Thursday, January 2, 2014

"उसकी ही यादों के सहारे बिता दी हमने यह जिंदगी
 उसने  कभी जाना नही हमने भी बताया नही
वो भी खोया था किसी दूसरे के अहसासों  में
अरसा बाद पता चला कि वो दूसरा कोई नही, मैं ही थी"