Thursday, April 10, 2014

"हसरत थी दिल में कभी किसी से दिल लगायेगें हम भी 
  पर ये न सोचा था कि क्या करेगें जब दिल टूटेगा  
  दिल का दर्द आँखों से बहेगा 
 कह भी न सकेगे किसी से हाले दिल अपना  
 तड़पेंगे अकेले में फिर भी उसे ही दुआये देगें
 जिसने ये हाले  दिल हमारा किया "     

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