"एक बार फिर तुम गये
मुझे अपमानित करके
मेरे चरित्र पर ऊँगली उठा कर
क्यों होता है हर बार ऐसा
मेरा दिल दुखाते हो
माना मैं बहुत अच्छी नही
लेकिन क्या कुछ भी अच्छा
नही मुझमें "
मुझे अपमानित करके
मेरे चरित्र पर ऊँगली उठा कर
क्यों होता है हर बार ऐसा
मेरा दिल दुखाते हो
माना मैं बहुत अच्छी नही
लेकिन क्या कुछ भी अच्छा
नही मुझमें "
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