"हमें यह मलाल था कि हम ही सुलगी हुई लकड़ी की
तरह धीमा - धीमा उसकी यादों में जला करते हैं
पर दिल को तसल्ली हुई आज यह जान कर कि
वो भी हमारी यादों में दिन रात घुला करते हैं "
तरह धीमा - धीमा उसकी यादों में जला करते हैं
पर दिल को तसल्ली हुई आज यह जान कर कि
वो भी हमारी यादों में दिन रात घुला करते हैं "