Wednesday, December 28, 2011

‎"जो होते हैं हमारे दिल के करीब वो ही क्यों हमसे जुदा हो जाते हैं,
"दिल के करीब जाना था उसे दिल ही दिल में चाहा था उसे,
वो क्यों फिर खफा हो कर यूं तन्हा छोड़ गया मुझे "

Thursday, December 22, 2011

मोहब्बत का इम्तहान तो हर कोई देता है जिंदगी में एक बार
पर पास वही होता है जिस पर तकदीर मेहरबान होती है "

Sunday, December 18, 2011

"वो इस दिल में आये थे मेहमान बन कर
लेकिन अब रहते हैं जैसे यह दिल ही उनका घर हो"
"दिल धड़कता है अब हमारा जिनका नाम लेकर,
क्या उनको खबर है हमारे दिल की धडकनों की"
"दिल धड़कता है अब हमारा जिनका नाम लेकर,
क्या उनको खबर है हमारे दिल की धडकनों की"
"किस कदर तन्हा हैं हम कैसे उन्हें बताये ,

जो जान कर भी हमारे दिल की बातों से अनजान हैं"
"वो आये मेरी जिन्दगी में मेरे दिल की आवाज सुनकर ,

अब कभी भी ना जा सकेगें मुझसे दूर अपने दिल की आवाज सुनकर "

Sunday, December 11, 2011

"उसे याद करने का जो गुनाह हम रोज करते हैं,
ऐ खुदा उस गुनाह की सजा तो सुना कभी उसका चेहरा भी तो हमें दिखा"
"क्यों कर कोई किसी को यूँ तन्हा छोड़ देता है ,
क्या कभी तन्हाई में उसे हम याद नही आते "
"दिल ही दिल में किया करते थे हम रोज़ उनसे बाते,
कल बात यूँ कुछ आगे बढ़ी की अब सपनो में भी वो रोज़ आने लगे हैं "

Sunday, November 13, 2011

''दिल में आज भी बस उसकी ही यादें हैं,
जीने के लिए बस यही वजह काफी हैं''
''क्यों कर दिए वादे हमने मोहब्बत में कि उन्हें न कभी भूलेगें
अब जब भूलना भी चाहे तो वादे याद दिला देते हैं''

Wednesday, November 9, 2011

क्यों छूट जाता है उन दिल अजीजों का साथ जो हमारे सीने में दिल बनकर हमेशा धड़कते हैं

Thursday, October 13, 2011

‎''कोई कैसे किसी को भूल जाता होगा
कभी तन्हाई में तो उसे उसका ख्याल आता होगा
जब भर आती होंगी उसकी भी आँखे
तो वो दूसरों से अपनी नज़रे चुराता तो होगा''

Wednesday, October 12, 2011

‎"जिंदगी के इस सफर में हरेक को तलाश है हमसफर की
हमसफर मिलता नही जिंदगी बीत जाती है ''
‎''भूलने के लिए किसी यादें एक बेदर्द दिल चाहिए
जो की आज हर किसी दूसरे के पास है ''
‎''क्यों करे दिल दिन रात बस उसकी ही खवाहिशे
जबकी वो मेरा हम दर्द ही नही रहा ''
‎"मेरे प्यार का कुछ कुछ रंग उन पर छाने लगा है ,
चले गये थे दूर जो अब धीरे धीरे पास आने लगे हैं "

Tuesday, October 11, 2011

''वो रूठना मनाना लगता है जैसे कल की ही बात हो
जब की उनसे बिछड़े तो एक जमाना ही बीत गया ''
''हम कह न सके कभी उनसे अपने दिल की बात,
कैसे यह सब कहते जब दिल ही उन्हें अपना दे बैठे''

Monday, October 10, 2011

"अब तो जुबान पर उसका ही जिक्र रहता है हर पल ,
क्या करे अब कुछ भी हमे करना आता नही "
"दिन रात की उदासी का सबब क्या कहे ,
अब उसने मेरे सपनो में भी आना छोड़ दिया "

Sunday, October 9, 2011

‎''वो जब -- जब याद आता है मुझे मेरे चेहरे का रंग ही बदल जाता है
मेरी याद भी कभी उसे क्या अपने रंग में रंगती होगी ''
"वो तो इस दिल के इतना करीब था जैसे कि यह उसका ही आशियाना हो ,
उसने इसे दर्द से भरकर कर यह दिखा दिया कि अपने ही अपनों को बर्बाद किया करते हैं "
‎"मोहब्बत का गुल खिलाया था जिसने इस दिले चमन में ,
क्या मालूम था कि एक दिन वो ही इसे उजाड़ जाएगा "

Saturday, October 8, 2011

''रोज ही हम खुद से यह वादा करते है कि अब उसे कभी याद नही करेगें,
पर दूसरे ही पल मन ही मन उसे याद कर दुआ देते हैं ''
‎''जिंदगी की तन्हाइयों में क्यों वो अक्सर याद आता है,
जो बहुत हमें अकेला छोड़ कर चला जाता है ''
"उसने किये हमसे जीवन भर के वादे
वो भूल गया पर हम निभा रहे हैं उसकी यादों के साथ "
‎"दिल में उनके प्यार की हसरत अब भी है मुझे ,
क्या खबर जिन्दगी में फिर मेरी चाह खीच लाये मेरे पास उन्हें "
''क्या है यह मोहब्बत जिसमें हम दूसरे को ही याद करते हैं
उसके ही दिये दर्द को अपनी किस्मत समझ लेते हैं ''

Monday, October 3, 2011

‎"दिल में नही हो सुकून तो कोई क्या करे ,
जब दे दिया दर्द प्यार देने वाले ने ही कोई क्या करे ''
"उसने किये हमसे जीवन भर के वाडे
वो भूल गया पर हम निभा रहे हैं उसकी यादों के साथ "
‎''दिल में उठती है कसक जो जीने नही देती हमें,
उसको भुलाना चाहते हैं पर यादें भूलने नही देती हमें''
‎"वो रोज़ आते हैं मेरे ख्वाबो में और फिर चले जाते हैं ,
अब तो जी चाहता है कि तमाम उम्र ख्वाबो में ही गुज़ार दूं "

Saturday, September 24, 2011

‎''प्यार होने पर बसते हैं दिलों में दो जहाँ, सुना था लोगो से
नाकाम होने पर क्या होता है नही बताया अंजाम किसी ने ''
''क्यों मोहब्बत में लोग किसी को अपना दिल देते हैं
कोई किसी का नही होता जमाने में,जबकि यह भी सबको पता है ''
''उन्होंने मजबूर तो बहुत किया की हम उनको भूल जाए
पर हमने भी कभी अपने से उन्हें दूर न होने की कसम खाई है ''

Friday, September 23, 2011

''सुना था मोहब्बत में होते हैं होशो हवास ग़ुम
पता चला इसका जब खुद इस राह से गुजरे''

Thursday, September 22, 2011

''जब प्यार में दो लोग जुदा होते हैं दर्द तो दोनों को ही होता होगा
फिर क्यों एक रोता है और एक रुलाता है ''
‎''ऐ मेरे हम नवा मुझ पर इतना तो करम फरमा,
दिल से जुदा होने के साथ ही मेरी जां भी साथ लेता जा''
''क्यों किसी ने इस दिल में दस्तक दी और चला आया इसके भीतर,
जब उसे इसे छोड़ कर और तोड़ कर जाना ही था ''

Tuesday, September 20, 2011

''दर्द है दिल में या उसका प्यार
क्यों तड़पाते हैं लोग वो अक्सर
जो कभी दावा किया करते थे कि
हम हैं करते तुम्हे टूट कर प्यार ''
''रुक रुक कर राहों में किया उसका हमने इंतज़ार, नही आया वो नही आना था उसे
फिर क्यों आज तक हम उसकी एक झलक के लिए हैं बेकरार''

Sunday, September 18, 2011

''ये हमारी मोह्ब्बत है जो उनकी बेवफाई के बाद भी उन्हें ही याद करती है
क्यूँ न हम भी कुछ ऐसा करे की बेवफाई क्या होती है उन्हें यह बताये''

Saturday, September 17, 2011

''खुशनुमा सुबह के जैसा है उसके प्यार का अहसास
काश ताउम्र आती रहे ऐसी खुशनुमा सुबह''
''दिल में उसकी यादों ने कुछ ऐसा पहरा बैठाया है
चाह कर भी कोई दूसरा उसमें जा नही सकता ''
"पल पल गिन कर किया करते हैं हम उनका इन्तजार पर वो कभी आते ही नही ,
उनसे अच्छी तो उनकी यादे हैं जो आकर कभी जाती ही नही "
''पता नही था की मोहब्बत में एक ऐसा वक्त भी आएगा
हम गिडगिडायेगें सामने उसके और वो हमें ठोकर मार कर चला जाएगा ''
''उसके बिना जीना एक भी दिन अब हो रहा है बेमानी
जिन्दगी ने हमें पहुँचाया हैं ये कैसे मुकाम पर ''

Thursday, September 15, 2011

''उसे याद करना घंटों उसका इंतज़ार करना
और न आने पर आँखों को गीली करना
फिर अगले ही पल उसकी तस्वीर प्यार से निहारना
कौन सा रोग उसे लगा है यह कौन उसे समझाए ''
''आज फिर वो बहुत याद आये मन में बहुत बैचेनी हुई
किसी दूसरे के साथ उन्हें देख कर यादों को कुछ राहत हुई''

Sunday, September 11, 2011

''जब मोहब्बत हुई तो दिन रात बस उनके ही सपने
लगा कि बगैर उनके हम जी न पायेगें,
जिंदगी ने सिखा दिया उनके बिना हमे जीना
लेकिन सपनों में वो अब भी रोज आते हैं''

Saturday, September 10, 2011

''मोहब्बत हुई है गर तो दिल में कसक और आँखों में नमी तो होगी ही
उसको याद करते हुए तन्हाई में कुछ गज़ले भी लिखी तो होंगी ही''
''क्यों जरुरी है किसी की याद में तडपना,
सब लोग यही कहते हैं लेकिन उन्हें क्या मालूम
जिन्होंने कभी किसी से प्यार न किया हो कि
इस तरह किसी को याद करने में कितना मज़ा है''
''प्यार का नशा ऐसा नशा है जो भी इसका गुलाम हो जाए
वो कहीं का नही रहता न जीता हैं न मरता है बस आहें भरता है''
'उनकी मोह्ब्बत ने हमें जीना सिखा दिया
अब ऐसे ही जीते रहे सारी उम्र तो भी कोई गम नही''

Friday, September 9, 2011

''तमाम उम्र हम देखा किये रास्ता उनका
इसी उम्मीद पर की वो आयेगे,वो आये तो सही
पर जो इंतज़ार का रिश्ता थाअब तक
हम दोनों के बीच वो तोड़ कर चले गए''

Monday, September 5, 2011

''हमें हैं जिन्हें रोज याद करने की आदत
कैसे अब हम उन्हें भूल जाएँ
जो आते हैं हर रात में सपने में मेरे
कैसे वो अब अपना रास्ता भूल जाए''

Thursday, September 1, 2011

"जब दिल को दिल से मिलती है राहत और दर्द को दर्द से
जब दर्द दिल में हो तो क्यों राहत मिलती नही दिल को "


''उसका प्यार न सही उसकी याद ही काफी है जीने के लिए
उसकी याद में ही उसका प्यार अब नज़र आता है मुझको''

Wednesday, August 31, 2011

''वो प्यार में मीठा - मीठा दर्द दिल को सुकून देता था,
जो अब उसकी याद का दर्द बन कर दिल को दर्द देता है''


''दिल में उसकी याद का दर्द कुछ इस कदर हुआ
हाथ में चुभी फांस देती है जैसे दर्द ''
''मोहब्बत के वो वादें, वो सारी कसमें क्या हुई,
जो कभी तुमने मेरा हाथ थाम कर खाई थी''

Monday, August 29, 2011

''उनकी मोहब्बत में हमें जमाने की रुसवाई भी मंजूर है
वो एक बार कहे तो सही की उन्हें भी हमसे मोहब्बत है''


''जब सोचा बस तुझे ही सोचा जब चाहा बस तुझे ही चाहा
तेरे सिवा कोई नही है मेरी दुआओं और मेरे ख्वाबों में,


'' एक बार जो वो मेरी निगाह में बस गए
चाह के भी मुझसे दूर न रह पायेगें
इतना असर हुआ है उन पर मेरी मोहब्बत का
जाना पड़ा जो दूर कभी उनको तो जी न पायेगें

Tuesday, August 23, 2011

''आज फिर उसकी याद बेतहाशा आयी आँख भरी ही थी
कि उसकी भोली सूरत व मुस्कुराहट याद आ गयी ''
''उनसे मोहब्बत के सिलसिले जो शुरू हुए
आँखों ने नये सपने देखने शुरू किये
क्या होगा अंजाम यह सोचकर अब डरता है दिल,
पर दूसरे ही पल फिर उसे याद कर उससे
मिलने की चाह में मचलता है दिल ''

Thursday, August 18, 2011

''ऐसा लगा जैसे उसने मेरे होठों को छुया,
आँख खुली तो देखा ओस की पहली बूँद थी''

Wednesday, August 17, 2011

'' किसी के प्यार में इतना डूब गये हम
कि खुद का पता भी नही मालूम अब हमें
''यह कोई मीठा ख्वाब है या मेरा वहम
जिधर भी देखूं उधर बस तू ही तू है''

Saturday, August 13, 2011



''उनकी चाहतों ने हमें इस कदर दीवाना बना दिया कि अब
दीवाने भी हमसे पूछने लगें हैं इस दीवानेपन का राज ''

Friday, August 12, 2011

''हम गुम थे उनके ख्यालों में इस कदर
कि उनके आने की आहट ही न जान पाए
वो नाराज हो गये हमसे यह कह कर
पता नही हम किसके ख्यालों में गुम हैं ''

Thursday, August 11, 2011


'' उसकी यादों के सिवा दिल में कुछ नही है मेरे,
जो एक तस्वीर थी उसकी वो भी साथ ले गया अपने''
'' मुझको मुझसे ही चुरा कर वो मेरा सब कुछ ले गया
बदले में अपनी यादे व कभी न खत्म होने वाली तन्हाइयाँ दे गया''

Monday, August 8, 2011

''दिल में हसरतों को जगा कर मिलने का वादा किया उसने ,
फिर क्या हुआ ऐसा, मैं करती रही इंतज़ार वो आया नही पास''

Sunday, August 7, 2011

''दर्द तन्हाई रुसवाई गर यही नाम हैं मोहब्बत के
तो हमें उनसे यह मोहब्बत मंजूर है''
''अब तो हर वक्त उसे याद करना हमारा काम है
लोग कहते हैं कि हम कुछ करते नहीं''

Wednesday, August 3, 2011

‎''तुझमें कुछ तो ऐसा है जो तू दूसरों से जुदा है
क्या तुझमे मै और मेरा प्यार तो नही''
''ये प्यार, ये खुमार, ये नशा सब उन्हीं का है
जब हम उनके नशे में हैं तो फिर शिकवा - शिकायत कैसी''

Monday, August 1, 2011

'कुछ तो था हमारे दरमियाँ जो कुछ कदम हम साथ चले थे,
वो प्यार नही रहा तो क्या हुआ यादे तो अभी भी दरमियाँ हैं''

Sunday, July 31, 2011

‎''सच है मोहब्बत में गम है, तन्हाई भी
और दर्द देती रुसवाई भी,यह जान कर भी
हमने की किसी से मोहब्बत करने की गलती और
फिर मिली तोहफे में हमें भी वही दिल से दिल की जुदाई ''

Saturday, July 30, 2011

'क्यों कर कोई आपके इतना करीब आता है
जो आपको ही आपसे जुदा कर जाता है
कोई बस नही चलता हमारा हमारे ऊपर
बस उसी का हुक्म चलता है''

Friday, July 29, 2011

''वो आये थे मेरे दिल में मेहमान बन कर,
पर रहते हैं इसे अपना घर समझ कर ''

Wednesday, July 27, 2011

‎''उसकी याद आकर अक्सर मेरी आँखों को नम कर देती है,
क्या कभी उसकी आँख भी भर आती होगी मेरी याद में''

Tuesday, July 26, 2011

लोग प्यार में दर्द ही की क्यों कर बात करते हैं,
प्यार में सुकून और मीठी सी चुभन भी तो है''
‎'हमेशा प्यार के जिक्र के साथ दर्द का जिक्र भी होता है
तो क्यूँ न अब दर्द का ही जिक्र किया जाए शायद प्यार भी मिल जाए''

Sunday, July 24, 2011

'' मुहब्बत और हादसे में कुछ ज्यादा फर्क नही,
कब किसी के रास्ते ये गुज़र जाएँ और जिन्दगी बदल दें''
''दो कदम हम साथ चल कर बिछड़ गये,तो क्या हुआ
सपनों में हमारा मिलना तो आज भी जारी है ''

Tuesday, July 12, 2011

''लोग क्यों कहते हैं मोहब्बत को इबादत,
जब इसे करने के बाद दर्द के सिवा कुछ नही मिलता''
''जिंदगी तेरे प्यार के सहारे ही कट जाए, याद आये तेरी और हर रोज मेरी आँखों में आंसू आ जाए,
कब तक करेगें हम यूं तेरा इंतज़ार, कभी तो ऐसा हो कि तेरी याद के साथ - साथ तू भी मेरे दर पर आ जाए''
''तमाम उम्र किया किये हम इंतज़ार कि कोई तो हो ,
जो दिल के बेहद करीब हो, जब ऐसा हुआ तो होश गुम हैं''

Sunday, May 1, 2011

''बदलाव''

''बचपन से सुनते आयें हैं बदलाव है प्रकृति का नियम,
और जो नही बदलते वो वक्त के साथ आगे नही बढ पाते,
पेड़ के पत्ते झड़ते हैं, नये कोपल खिलते हैं
मौसम बदलते हैं, नजरिया बदलता है
और बदलता है लोगों का व्यवहार,
लेकिन किस हद तक समय के साथ बदले
खुद को इंसान कि उसके अपने उससे दूर ना हो जाये.
बदलना ही नियम है गर तो,
बदले इंसान अपने सोचने का नजरिया,
पर न बदले अपने करीबो के प्रति अपना व्यवहार.''

Saturday, March 12, 2011

''आंसू''

आंसू देते है साथ हर कदम पर
चाहे गम हो या ख़ुशी ,
या हो फिर किसी अपने की याद,
सबसे करीबी है यह दोस्त ,
हमेशा रहता है पास हमारे ,
जब दर्द हो दिल में तब आँखों के रस्ते,
निकल कर देते हैं दिल को कुछ आराम.

Tuesday, March 1, 2011

''आँख''

''आँख''

आँखों ने पढी आँखों की मौन भाषा,
आँखों ने की खता, हुआ दर्द सा दिल में,
आँखों के रास्ते उतरा दिल में कोई,
देखा आँखों ने एक प्यारा सा सपना,
एक नशा सा हुआ तन - मन में,
आया कोई बहुत ही दिल के करीब,
जब आँख खुली,तो अहसास हुआ कि
यह तो बस एक प्यारा सा सपना था,

Monday, February 28, 2011

''अहसास''

''अहसास''


यह है मीठा सा अहसास,
जो हो रहा है दिल ही दिल में,
उस प्रिय से मिलन की चाहत का,
मिलन के इस खूबसूरत से अहसास ने ,
दिल के सारे तार झंकृत कर दिये,
पर उस प्रिय से दूर होने का सोचते ही,
होता है दर्द भरा अहसास,
कैसे दूर हो मेरी यह उलझन,
और कभी न दूर हो यह प्यारा सा अहसास,
सोचते - सोचते आँख भर आती है,
और होता है फिर गम व दर्द भरा अहसास,