Thursday, October 13, 2011

‎''कोई कैसे किसी को भूल जाता होगा
कभी तन्हाई में तो उसे उसका ख्याल आता होगा
जब भर आती होंगी उसकी भी आँखे
तो वो दूसरों से अपनी नज़रे चुराता तो होगा''

Wednesday, October 12, 2011

‎"जिंदगी के इस सफर में हरेक को तलाश है हमसफर की
हमसफर मिलता नही जिंदगी बीत जाती है ''
‎''भूलने के लिए किसी यादें एक बेदर्द दिल चाहिए
जो की आज हर किसी दूसरे के पास है ''
‎''क्यों करे दिल दिन रात बस उसकी ही खवाहिशे
जबकी वो मेरा हम दर्द ही नही रहा ''
‎"मेरे प्यार का कुछ कुछ रंग उन पर छाने लगा है ,
चले गये थे दूर जो अब धीरे धीरे पास आने लगे हैं "

Tuesday, October 11, 2011

''वो रूठना मनाना लगता है जैसे कल की ही बात हो
जब की उनसे बिछड़े तो एक जमाना ही बीत गया ''
''हम कह न सके कभी उनसे अपने दिल की बात,
कैसे यह सब कहते जब दिल ही उन्हें अपना दे बैठे''

Monday, October 10, 2011

"अब तो जुबान पर उसका ही जिक्र रहता है हर पल ,
क्या करे अब कुछ भी हमे करना आता नही "
"दिन रात की उदासी का सबब क्या कहे ,
अब उसने मेरे सपनो में भी आना छोड़ दिया "

Sunday, October 9, 2011

‎''वो जब -- जब याद आता है मुझे मेरे चेहरे का रंग ही बदल जाता है
मेरी याद भी कभी उसे क्या अपने रंग में रंगती होगी ''
"वो तो इस दिल के इतना करीब था जैसे कि यह उसका ही आशियाना हो ,
उसने इसे दर्द से भरकर कर यह दिखा दिया कि अपने ही अपनों को बर्बाद किया करते हैं "
‎"मोहब्बत का गुल खिलाया था जिसने इस दिले चमन में ,
क्या मालूम था कि एक दिन वो ही इसे उजाड़ जाएगा "

Saturday, October 8, 2011

''रोज ही हम खुद से यह वादा करते है कि अब उसे कभी याद नही करेगें,
पर दूसरे ही पल मन ही मन उसे याद कर दुआ देते हैं ''
‎''जिंदगी की तन्हाइयों में क्यों वो अक्सर याद आता है,
जो बहुत हमें अकेला छोड़ कर चला जाता है ''
"उसने किये हमसे जीवन भर के वादे
वो भूल गया पर हम निभा रहे हैं उसकी यादों के साथ "
‎"दिल में उनके प्यार की हसरत अब भी है मुझे ,
क्या खबर जिन्दगी में फिर मेरी चाह खीच लाये मेरे पास उन्हें "
''क्या है यह मोहब्बत जिसमें हम दूसरे को ही याद करते हैं
उसके ही दिये दर्द को अपनी किस्मत समझ लेते हैं ''

Monday, October 3, 2011

‎"दिल में नही हो सुकून तो कोई क्या करे ,
जब दे दिया दर्द प्यार देने वाले ने ही कोई क्या करे ''
"उसने किये हमसे जीवन भर के वाडे
वो भूल गया पर हम निभा रहे हैं उसकी यादों के साथ "
‎''दिल में उठती है कसक जो जीने नही देती हमें,
उसको भुलाना चाहते हैं पर यादें भूलने नही देती हमें''
‎"वो रोज़ आते हैं मेरे ख्वाबो में और फिर चले जाते हैं ,
अब तो जी चाहता है कि तमाम उम्र ख्वाबो में ही गुज़ार दूं "