Sunday, July 31, 2011

‎''सच है मोहब्बत में गम है, तन्हाई भी
और दर्द देती रुसवाई भी,यह जान कर भी
हमने की किसी से मोहब्बत करने की गलती और
फिर मिली तोहफे में हमें भी वही दिल से दिल की जुदाई ''

Saturday, July 30, 2011

'क्यों कर कोई आपके इतना करीब आता है
जो आपको ही आपसे जुदा कर जाता है
कोई बस नही चलता हमारा हमारे ऊपर
बस उसी का हुक्म चलता है''

Friday, July 29, 2011

''वो आये थे मेरे दिल में मेहमान बन कर,
पर रहते हैं इसे अपना घर समझ कर ''

Wednesday, July 27, 2011

‎''उसकी याद आकर अक्सर मेरी आँखों को नम कर देती है,
क्या कभी उसकी आँख भी भर आती होगी मेरी याद में''

Tuesday, July 26, 2011

लोग प्यार में दर्द ही की क्यों कर बात करते हैं,
प्यार में सुकून और मीठी सी चुभन भी तो है''
‎'हमेशा प्यार के जिक्र के साथ दर्द का जिक्र भी होता है
तो क्यूँ न अब दर्द का ही जिक्र किया जाए शायद प्यार भी मिल जाए''

Sunday, July 24, 2011

'' मुहब्बत और हादसे में कुछ ज्यादा फर्क नही,
कब किसी के रास्ते ये गुज़र जाएँ और जिन्दगी बदल दें''
''दो कदम हम साथ चल कर बिछड़ गये,तो क्या हुआ
सपनों में हमारा मिलना तो आज भी जारी है ''

Tuesday, July 12, 2011

''लोग क्यों कहते हैं मोहब्बत को इबादत,
जब इसे करने के बाद दर्द के सिवा कुछ नही मिलता''
''जिंदगी तेरे प्यार के सहारे ही कट जाए, याद आये तेरी और हर रोज मेरी आँखों में आंसू आ जाए,
कब तक करेगें हम यूं तेरा इंतज़ार, कभी तो ऐसा हो कि तेरी याद के साथ - साथ तू भी मेरे दर पर आ जाए''
''तमाम उम्र किया किये हम इंतज़ार कि कोई तो हो ,
जो दिल के बेहद करीब हो, जब ऐसा हुआ तो होश गुम हैं''