Monday, February 4, 2013

" याद  तो करते हैं आज भी हम उन्हें और  बेइंतेहा प्यार भी ,
  बस  यह बात अलग है  अब हम जतलाते नहीं "


 "तन्हाइयों में कभी तो हम भी उसे याद आते होंगें 
हमें याद करके उसका भी तो दिल धड़कता होगा "


"अब तो बस उसके ही ख्वाबों में जीने की तमन्ना है 
हकीकत में न सही ख्वाबों में तो उसका साथ होगा " 


"अब जब उनकी ख़ुशी के लिए हम उनके जैसे हो गये 

 तब वो क्यों ताना देते हैं कि हम पत्थर दिल हो गये
 कभी तो बांहों में भरो, कभी तो जी भर कर प्यार करो हमें 
 जब कभी हम उनसे कहते थे  तो वो क्यों हमसे कतराते थे
 क्यों गवारा नही था उन्हें हमारा पास आना 
 क्यों  चाहते थे वो हमसे इस कदर दूरियां बनाना 
 आज जब हम उनसे दूर हो गये, रास्ते हमारे अलग हो गये 
 तब वो क्यों खफा हैं कि हम उनके जैसे पत्थर दिल हो गये  "