Saturday, November 29, 2014

"उसकी इबादत में उठाये थे अपने दोनों हाथ मैंने
 पर लोगों ने मुझे खुदा का ख़ादिम समझ लिया " 

 "ऐसा क्या हुआ जो
वो मुझसे जुदा हो गया
क्या मेरे मुक़ददर में उसका
बस इतना ही साथ लिखा था"



Wednesday, November 19, 2014

"कुछ उसकी यादें कुछ उसके वादे
दोनों ही मुझे उसकी याद दिलाते हैं "

Wednesday, November 12, 2014

"वो अजनबी ही अच्छा था
उसे जब से अपना बनाया
वो कितना बदल गया है "

Tuesday, November 11, 2014

"कैसे टूटा उसके प्यार का तिलिस्म नही पता 
जो कल तक मैं उसके प्यार के भंवर में
गहरे तक डूबने पर खुश थी
आज उससे दूर होने पर भी ग़मगीन नही"
"उसकी यादों का खंज़र अब तक टीस देता है दिल को मेरे
  उसे निकालने को कोशिश में यूं ही बरसों बीत गये "

Monday, November 3, 2014

"उसको चाहना ही गर गुनाह है मेरा 
तो मुझे बार - बार यह गुनाह करने दो "
"इतनी दफ़ा तो हमने खुदा का नाम भी नहीं लिया 
जितनी दफ़ा हमने तुझे याद किया है "