"कभी वो भी तो अपने प्यार का इज़हार करे
कब तक हम ही अपने प्यार का इकरार करे "
"क्यों उसकी हर ख़ामोशी मतलब हम इनकार ही समझते हैं
क्या पता प्यार इकरार करने की उसकी यह नई अदा ही हो"
"यूं ही एक दिन अकेले बैठे - बैठे कुछ उसकी याद सी आ गयी जो बात रह गयी थी अधूरी वो याद आते ही आँखों में नमी सी आ गयी सोचा था कि अब कभी उसको याद करके हम आँखों को गीला नहीं करेगें फिर भी इस बरसात में वो भीगी बरसात याद आ गयी "
Monday, July 22, 2013
"हमें नाज़ था बहुत तुम पर और अपने प्यार पर
किस की नज़र लगी या क्या हुआ सब कहाँ खो गया "
"तुम निभाओगे नहीं अपना कोई वादा यह हमें मालूम है , फिर भी तेरे हर वादे पर ऐतबार करने को जी चाहता है "