"यूं ही एक दिन अकेले बैठे - बैठे कुछ उसकी याद सी आ गयी
जो बात रह गयी थी अधूरी वो याद आते ही आँखों में नमी सी आ गयी
सोचा था कि अब कभी उसको याद करके हम आँखों को गीला नहीं करेगें
फिर भी इस बरसात में वो भीगी बरसात याद आ गयी "
जो बात रह गयी थी अधूरी वो याद आते ही आँखों में नमी सी आ गयी
सोचा था कि अब कभी उसको याद करके हम आँखों को गीला नहीं करेगें
फिर भी इस बरसात में वो भीगी बरसात याद आ गयी "
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