''अहसास''
यह है मीठा सा अहसास,
जो हो रहा है दिल ही दिल में,
उस प्रिय से मिलन की चाहत का,
मिलन के इस खूबसूरत से अहसास ने ,
दिल के सारे तार झंकृत कर दिये,
पर उस प्रिय से दूर होने का सोचते ही,
होता है दर्द भरा अहसास,
कैसे दूर हो मेरी यह उलझन,
और कभी न दूर हो यह प्यारा सा अहसास,
सोचते - सोचते आँख भर आती है,
और होता है फिर गम व दर्द भरा अहसास,