Monday, May 25, 2015


 "पूछा करती हूँ अक्सर मैं खुद से यही 
तेरे दीवानों में कहीं मैं भी तो शामिल नही '

 "कब के फ़ना हो गये हम तो तेरी मोहब्बत में 
  एक बस तू है जो तुझे इसकी खबर ही नही " 

" कुछ लम्हें मैं अपनी जिंदगी के तेरे संग गुज़ार लूँ 
हक़ीक़त में न सही ख्वाबों में ही आ तुझे अपना बना लूँ "