Tuesday, May 7, 2019

तेरा कोई राब्ता

तुझे तेरा वास्ता मेरी नहीं न सही अपने दिल की बात तो सुन 
मुझसे गर नहीं तेरा कोई राब्ता तो रातों को जाग कर मुझे याद न कर

तू है मेरी चाहत

तू है मेरी आयत 
तू है मेरी चाहत
 तू है मेरी मन्नत
 तू ही है मेरी जन्नत 
तू ही रब की दुआ 
तू ही मेरा खुदा

कैक्टस हूँ मैं

कैक्टस हूँ मैं 
हाँ कैक्टस ही हूँ मैं 
अपने घर परिवार का कैक्टस हूँ मैं 
अपने काँटो से मैं 
अपनी कोमल कलियों को
 फूलों को बुरी नज़रों से बचाता हूँ मैं
 वो नज़र बट्टू हूँ 
जो अपने घर को दुश्मनों से बचाता हूँ 
कैक्टस हूँ मैं।

तेरा यह इश्क़

होली के रंगों सा तेरा यह इश्क़
 एक बार मुझ पर ऐसा लगा अब
 कोई दूसरा रंग मुझ पर नही चढ़ता

रजनी गंधा की सी खुशबू

" मैं जब भी कभी सोचती हूँ उसके बारें में
मेरे तन - मन में जल तरंग सा बजने लगता है
महकने लगती है जैसे रजनी गंधा की सी खुशबू
और मैं भी चहकती हूँ एक गौरैया की तरह "

तुमसे हैं हम

तुम में हम हैं हम में तुम 
साथ हो तुम तो क्या है गम 
कुछ नही जिंदगी में जब नहीं तुम 
तुमसे हैं हम हमसे हो तुम 
बेरंग सी जिंदगी में बहार बनकर आये तुम

तेरी जोगन

तेरे ही रंगों में रंग गयी थी मैं तो 
तूने ही मुझे बेरंग कर दिया 
तेरी जोगन बन गयी थी मैं तो 
तूने ही मुझे दर्द दे दिया 
तेरे ही ख्वाब सज़ा रही थी 
मैं तूने ही मेरी नींदे छीन ली

रूठी हुई हँसी

ठहरी हुई जिंदगी है मेरी 
रूठी हुई हँसी है मेरी
एक तू दूर हुआ क्या मुझसे
 रूह भटक रही है मेरी

दिल की बात

जो दिल की बात हम कह न पायें उनसे वो लिख कर कागज़ पर उनको दे दी
उन्हें नहीं था भरम हमारी मोहब्बत का फाड़ कर कागज रद्दी की टोकरी में फेंक दी