"दिल को ठेस लगने पर दर्द तो होता है जरुर, पर कुछ कुछ न कुछ सबक भी सीख ही लेता है इंसान "
"जब भी याद किया तुम्हे मेरे दिल ने मन एक मीठा सा गीत गुनगुनाने लगा "
" सपने तो सपने ही होते हैं कहाँ होते अपने हैं, फिर भी यह बावरा मन क्यों इन्हें अपनी आँखों में सजाता है "
"जब भी कुछ सोचा बस तेरे ही बारे में सोचा और जब यह सोचा कि अब कभी भी तुझे याद नही करेगे, तब भी तुझे ही सोचा रातों को ख्वाबों में और सुबह होने पर जब ख्वाब को याद किया तब भी बस तुझे ही सोचा "
"सोचते हैं जब भी तेरे बारें में, लबों पर एक मुस्कान सी बिखर जाती है "
"काश ऐसा हो जाए काश वैसा हो जाए यही सोचते - सोचते काश यह जिन्दगी गुज़र जाए "
"तुझे देखा ना था तो तेरी आरज़ू ना थी , जब से देखा तुझे तेरे तलबगार बन गए हम "
"रातों को जागने का सिलसिला बदस्तूर आज भी है जारी क्या करे कोई मेरे ख्वाबों में आकर मेरी नींद भी अपने साथ ही ले गया "
"एक तस्वीर लगाई थी जो कभी दिल के आईने में क्यूँ वो तस्वीर को अनेकों टुकड़ों में बाँट गया "
"कुछ आहट सी सुनी है मेरे दिल ने, कोई आने वाला तो नहीं "
"कुछ तो बात होगी अलहैदा मेरे हम दम में, जब सोचा उसे तो कुछ और न सोचा "
"कभी भी नहीं पाया किसी को अपने दिल के, करीब जितना की उसे महसूस किया है
Monday, July 9, 2012
''कभी याद किया उसे भूलाने के लिए और कभी खुद को भूलने के लिए ,
दोनों ही सूरतों में बस उसका ही नाम लिया "
Sunday, July 8, 2012
" यादों पर तो नहीं है किसी का पहरा जब तब यह चुपके से आकर दिल को कुरेद जाती हैं "