Thursday, August 29, 2013

"मैं महक रही हूँ फूलों सी अपनी बाहों में उसे लेकर
मैं चहक रही कोयल सी  उसकी आवाज़ को सुनकर
 मेरी साँसों में बस गयी है उसकी साँसों की खुशबू
 इत्र उड़ेल दिया हो जैसे किसी ने  मेरी रूह पर " 

Thursday, August 15, 2013

आज फिर उसकी यादों का कुछ ऐसा तूफ़ान आया
जो कुछ भी था पास मेरे सब कुछ अपने साथ बहा ले गया "
"दिल की धडकनों की रफ़्तार आज कुछ बढ़ी सी है ,
लगता है कैसे किसी ने मुझे फिर से याद किया है "

"दिल के दरीचों में उसकी ही यादों के फूल हैं 
जो वक्त बे वक्त अपनी खुशबू बिखरते रहते हैं "