कुछ अहसास
Friday, September 27, 2013
तेरे साँसों की महक बस गयी है अब मेरी रूह
में
तेरे पास आने की चाहत अब और भी बढ़ रही है मेरी
क्या करूं कैसे रोकूँ इन बेकाबू साँसों को
जो तुझमें ही खो जाना चाहती हैं
Thursday, September 12, 2013
"तेरे ही अहसासों में भीगते रहे हम तो दिन रैन
क्या तुझे भी मेरी यादों ने भिगोया है कभी "
Saturday, September 7, 2013
"अब तुझे पाना ही बस मेरी हसरत है
कोई दूसरा ख्वाब तो मैंने देखा भी नही "
मेरी जिन्दगी क्या दो जहाँ भी वार दूं
बस तेरे प्यार का इक पल पाने के लिए "
Monday, September 2, 2013
"न कभी प्यार का इज़हार न ही कोई वादा किया तुमने
फिर क्यों हर घडी बस तेरा ही इंतज़ार है हमें "
Sunday, September 1, 2013
"प्यार एक नश्तर की तरह दिल में चुभकर दिल को छलनी कर जाता है
फिर भी क्यों इसके दर्द को हर कोई पाने की तमन्ना रखता है "
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