कुछ अहसास
Friday, September 27, 2013
तेरे साँसों की महक बस गयी है अब मेरी रूह
में
तेरे पास आने की चाहत अब और भी बढ़ रही है मेरी
क्या करूं कैसे रोकूँ इन बेकाबू साँसों को
जो तुझमें ही खो जाना चाहती हैं
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