Sunday, November 13, 2011

''दिल में आज भी बस उसकी ही यादें हैं,
जीने के लिए बस यही वजह काफी हैं''
''क्यों कर दिए वादे हमने मोहब्बत में कि उन्हें न कभी भूलेगें
अब जब भूलना भी चाहे तो वादे याद दिला देते हैं''

Wednesday, November 9, 2011

क्यों छूट जाता है उन दिल अजीजों का साथ जो हमारे सीने में दिल बनकर हमेशा धड़कते हैं