Monday, December 21, 2015

"तेरी यादों से वक्त कट गया हमारा नही तो वो वक्त भी था जो एक पल भी गुज़रता नही था"
"कभी तो कुछ ऐसा समां हो
 तुम पास हमारे बैठो
 हम सुने तुम्हारे दिल की
तुम सुनो हमारे दिल की"

Saturday, November 21, 2015

सबब तो मालूम हो

मेरे दिल को दुखाने का सबब तो मालूम हो।     
तेरे दूर जाके पास आने का सबब तो मालूम हो
मेरे प्यार और तेरी नफरत का सबब तो मालूम हो  
 नही बीता दिन एक भी तुझे याद किये बिना   
गर न हो यकीन तुझे मुझ पर              
तेरी हिचकियों का सबब तो तुझे मालूम हो
मेरे जज़बातों में बस तेरा ही अहसास है
मेरे सांसों में घुलता बस तेरा ही इत्र है
अब दूर तुझसे मैं जाऊं कैसे ?
मेरे अफ़सानों में तेरा ही तेरा जिक्र है

Monday, September 28, 2015

"इतना तो यकीं था हमें खुद पर कि
 यादें उसे वापस खींच लायेगीं हमारे पास
पर इसका नही इल्म था कि वो फिर चला जायेगा
कुछ कड़वीं यादें हमें सौप कर " 

Friday, September 11, 2015

जागूँ या सोऊँ बस चाहूँ तुझे ही देखना 
चाहूँ तुझे ही आँखों के करीब रखना 
तू न चाहे फिर भी मैं देखूँ 
तेरे ही सपने दिन रैना 

Friday, August 21, 2015

 "दिवानगी तेरे प्यार की इस कदर है मुझ पर छाई
तू नही है साथ मेरे फिर भी जमाने से किया जिक्र तेरा "
"क्यों आये पास तुम मेरे जब तुम्हें दूर जाना ही था
क्यों  दिल में प्यार जगाया जब दिल तोड़ना ही था
फूलों के ख़्वाब क्यों दिखाये जब काँटों पर चलाना था
क्यों किया वादा जब वादा निभाना ही नहीं था "





Saturday, August 8, 2015

बदली जिंदगी मेरी

कुछ इस तरह से तुमने बदली जिंदगी मेरी
आने से पहले तुम्हारे थी बड़ी ही सूनी यह
 सब कुछ होकर भी कुछ कमी सी थी इसमें
तुम साथ अपने लायें वो बहारें वो खुशबुएँ
कि महक गयी जिंदगी मेरी
और कुछ इस तरह से तुमने बदली जिंदगी मेरी
फिर जो शुरू हुआ सिलसिला प्यार में डूबने का
रूठने मनाने का , बात बात में तुम्हारी बातें,
 तुम्हारी यादें, तुम्हारी खुशबु जो महका
देती थी मेरे तन - मन को
फिर एक बार तुमने बदली जिंदगी मेरी
लड़ झगड़ कर हम हमेशा पास आते थे
कभी तुम तो कभी मैं पहल करती थी
लेकिन इस बार नही हुआ वैसा
जैसा कि हर बार होता था
न तुम आये न ही मैं आगे बढ़ी
फिर कुछ इस तरह  तुमने बदली जिंदगी मेरी  

Sunday, June 28, 2015

"तुम्हारी ही तरह तुम्हारी यादें भी 
मुझे पल पल तड़पाती हैं रुलाती हैं 
दूर जाने को बोलो तो फिर रूठ के 
बैठ जाती हैं मेरे दिल में अपना डेरा जमाकर "

Wednesday, June 24, 2015

"तुमसे मिले एक ज़माना हुआ है मुझे 
मगर फिर क्यों  महसूस हुआ ऐसा 
जैसे अभी ही छू कर  गया है कोई "

Monday, May 25, 2015


 "पूछा करती हूँ अक्सर मैं खुद से यही 
तेरे दीवानों में कहीं मैं भी तो शामिल नही '

 "कब के फ़ना हो गये हम तो तेरी मोहब्बत में 
  एक बस तू है जो तुझे इसकी खबर ही नही " 

" कुछ लम्हें मैं अपनी जिंदगी के तेरे संग गुज़ार लूँ 
हक़ीक़त में न सही ख्वाबों में ही आ तुझे अपना बना लूँ "

Sunday, April 5, 2015

मेरे दिल की बढ़ी हुई रफ़्तार के जिम्मेदार बस तुम ही हो 
मेरी इस ख़ुमारी की वजह भी तुम ही  हो 
मेरी ख़ुशी मेरे ग़म 
मेरी मुस्कान बस तुमसे है  
और क्या कहूँ क्या न कहूँ 
बस तुम हो और तुम ही हो 


"अब न कहेगें दिल का फ़साना कभी तेरी महफ़िल में 
 पत्थर दिल वाले नही समझेगें  जुबां मेरी "


Thursday, March 26, 2015

"जबकि मुझे भी यह पता है कि तुम मेरे नही हो 
फिर क्यों  मेरा पागल दिल यह नहीं मानता "


Friday, March 13, 2015

कौन साथ देता है किसी का

"मील के पत्थर की तरह कौन साथ देता है किसी का 
लोग तो मोड़ की तरह राह में साथ छोड़ दिया करते हैं "

Monday, March 9, 2015

 "जब भी देखा है तुझे
खुद को ही देखा है मैंने
जब भी जाना हैं खुद को
तुझको ही पाया है मैंने "
"हम तो मुददत से तेरे दीदार में आँखें बिछाये बैठे हैं
और एक तू न जाने किस की आँखों से उलझा हुआ है "

Friday, February 13, 2015

"सब कुछ भुला कर बैठे हैं हम बस एक तेरे इंतज़ार में
एक तू है जिसने हमें ही भुला दिया " 
"मेरे दिल को यही तसल्ली बहुत है तू न सही
तेरे अहसास तो मेरे पास हैं "

Friday, February 6, 2015

तेरे बगैर कहीं नहीं हम जायेगें
तू न सही तेरी यादों को अपने साथ ले जायेगें "

Friday, January 30, 2015

"नही सोचा था कोई मेरे
कभी इतना करीब  होगा
हर पल साथ न होते हुए भी
पल पल महसूस होगा
वो आदत बन जाएगा मेरी
रूह में बस जायेगा मेरी
दूर होने पर अपनी
यादों से मुझे सतायेगा "


Tuesday, January 20, 2015

 "कभी हम भी उसकी आदतों में शुमार थे
 क्यों फिर उसने अपनी आदतें ही बदल ली "

Monday, January 12, 2015

"तुम्हारी चाह, तुम्हारी राह
तुम्हारी बातें ,तुम्हारी याद
तुम्हारी खुश्बू ,तुम्हारा इंतज़ार
जब सब कुछ तुम्हारा ही है मेरे पास
तो मेरा क्या है मेरे पास ,
मैं भी तुम्हारी , मेरा मन भी तुम्हारा
फिर क्यों नही आते
अपना ये सब लेने के लिए
जो बस तुम्हारा है
कब तक मैं रखूँ
 यह सब संभाल कर
आओ सब ले जाओ
और मुक्त करो मुझे "

Sunday, January 11, 2015

"तुम चाहो कितना  भी दूर जाओ मुझसे
मुझे अपने दिल से दूर न  कर सकोगे
मानो मत यह तुम लेकिन जिस तरह
तुम मेरे दिल में बसे हो
मैं भी तुम्हारी यादों में हूँ
झाँक कर देखो तुम अपने दिल के आईने
मेरी ही तस्वीर नज़र आएगी बस तुम्हें "
"तुमसे मिलने से पहले मेरा दिल
 बस एक कोरा कागज़  ही तो था
 तुमने अपने प्यार से लिखे
 कुछ ऐसे हर्फ़ जिससे यह
 सतरंगी रंग में रंग गया "

Tuesday, January 6, 2015

फिर क्यों राहें बदल गयी

इतने सालों बाद भी
आज तुम वैसे ही हो
जैसे पहले थे
मैं भी वैसी ही हूँ
जैसी थी
जब हम ही नहीं बदले
फिर क्यों हम दोनों की
राहें बदल गयी

"कैसे दूर जाऊँ तुमसे
 ऐसे मन को लेकर
 जिस मन में बस
 तुम ही बसे हो "

Monday, January 5, 2015

एक लम्हा भी नही गुज़रता जब तेरे बिन
तब कैसे बीतेगी यह जिंदगी तुझ बिन
गर तुम भी यह महसूस कर पाते
 मेरे इस अहसास को तो
यूं तन्हा मुझे छोड़ कर नही जाते


Sunday, January 4, 2015

"हम तो रुसवा हुए तेरे नाम से
पर तूने ही हमे भुला दिया "











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