कुछ अहसास
Wednesday, March 28, 2012
"क्यों भीगती हैं आँखे हरदम उसकी याद में,
जबकि उसे हमारी आंसूओं की कीमत भी मालूम नही"
''सब कहते हैं कि दिल जो कहे वही करो क्योंकि दिल कभी झूट नही बोलता
जबकि दिल का कहा करने पर दर्द के अलावा कभी कुछ मिला नही किसी को "
"हमने सुना है कि अक्सर लोग बदलते हैं मौसम की तरह,
कहीं बदलने का हुनर मौसम ने इंसानों से ही तो नही सीखा "
Thursday, March 15, 2012
"ज़ज्बातों की आँधियों में दिल का जख्मी होना लाजमी है "
"जिसके जिक्र से ही दिल की धडकने बेकाबू हो जाती हैं
क्या होगा अंजाम जो कभी उससे मुलाकात हुई "
"दिल मचल - मचल जाता है जब भी तन्हाई में उसकी याद आती है "
"बहुत गुमाँ था उन्हें अपनी चाहत पर
ठोकर लगी तब हकीकत से रूबरू हुए "
"बहुत गुमाँ था उन्हें अपनी चाहत पर
ठोकर लगी तब हकीकत से रूबरू हुए "
Friday, March 2, 2012
"दिल के टूटने की सदा सुनाई नही देती यह तो पता था हमें,
लेकिन बिना आवाज हुए दर्द भी होता है यह नही जाना था हमने "
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