Saturday, November 30, 2013

"कहने को तो सब कुछ है पास मेरे लेकिन बिन तुम्हारे कुछ भी नहीं
बार - बार बस यही मेरा मेरा दिल कहता है " 
"क्यों साथ रहते हुए भी अकेलेपन का अहसास अंदर ही अंदर तोड़ रहा है मुझे
  क्यों उसके नजदीक जाने पर भी कुछ भी अहसास नही होते मुझे"
  

Wednesday, November 27, 2013

"पता नही कहाँ गुम हुआ जो प्यार था कभी तेरे लिए
अब तेरे दूर जाने या पास आने से भी कुछ फर्क पड़ता नहीं "

Monday, November 25, 2013

"उसने हमसे खुद को भूल जाने की ज़िद की, हम भी  दीवाने उससे यह वादा कर बैठे
लेकिन क्या करे अपने इस दिल का जो अब मेरी भी सुनता नही "

Friday, November 22, 2013

जुबाँ से अब कुछ हम नही कहते बस दिल ही दिल में उसे याद किया करते हैं
क्या परवाह उसे हमारी  फिर क्यों यूं ही हम बर्बाद हुआ करते हैं 
जुबाँ से अब कुछ हम नही कहते बस दिल ही दिल में उसे याद किया करते हैं
क्या परवाह उसे हमारी  फिर क्यों यूं ही हम बर्बाद हुआ करते हैं 

Thursday, November 7, 2013

"चाहते रहें हैं हम उसे मुददतों से पर इज़हार न कर सकें
  डरते हैं  कि कहीं वो मेरा प्यार हँसी में उड़ा दे "

Wednesday, November 6, 2013

"हम चहकते हैं उसे देख कर ऐसे
जैसे एक चिड़िया भोर में चहकने लगती है "  
"तुम्हे टूट कर जैसे चाहा है हमने किसी दूसरे को कभी चाहा ही नही
तुम नही समझोगे ये मेरे जज़बात क्योंकि तुमने कभी किसी को चाहा ही नहीं "