कुछ अहसास
Sunday, December 11, 2011
"दिल ही दिल में किया करते थे हम रोज़ उनसे बाते,
कल बात यूँ कुछ आगे बढ़ी की अब सपनो में भी वो रोज़ आने लगे हैं "
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