कुछ अहसास
Friday, April 25, 2014
"हम इतराये से फिरते थे अपने हुस्न पर पर जबसे देखा उसे
सब कुछ भूल गये दीवाने बन बैठे उसके जैसे जादू सा कर गया कोई "
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