कुछ अहसास
Tuesday, January 7, 2014
“जिन्दगी की इन तन्हाइयों में एक उसकी यादों का सहारा काफी है
वो न हो गर पास मेरे तो क्या है गम बस कुछ अहसास ही काफी हैं”
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