"छिड़ गयी एक दिन जंग
मेरे और उसकी यादों के बीच
सोचा मैंने भी कि आज
मैं यूं ही हार नही मानूंगी
क्यों हर बार मैं हार जाती हूँ उससे
मन को पक्का किया दिन भर झटकती
रही यादों को और लगाया रखा खुद को काम में
दिन भर तो आराम से बीता
लगा जैसे मैं जीत ही गयी उसकी यादों से
आज, सोच कर खुश हुई थी कि
आँख से एक आंसू बह निकला
फिर मैं आज हार गयी
या यूं कहूँ दिल मेरा जीत गया"
मेरे और उसकी यादों के बीच
सोचा मैंने भी कि आज
मैं यूं ही हार नही मानूंगी
क्यों हर बार मैं हार जाती हूँ उससे
मन को पक्का किया दिन भर झटकती
रही यादों को और लगाया रखा खुद को काम में
दिन भर तो आराम से बीता
लगा जैसे मैं जीत ही गयी उसकी यादों से
आज, सोच कर खुश हुई थी कि
आँख से एक आंसू बह निकला
फिर मैं आज हार गयी
या यूं कहूँ दिल मेरा जीत गया"
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