"जब रहना ही है तुम्हे मेरे दिल और दिमाग में
तो क्यों तड़पाते हो दर्द देते हो मुझे रात दिन
क्यों नही आते हो पास मेरे
क्यों दूर रह कर ग़िला करते हो मुझसे
तुम और मैं हम बन जाए
करो कुछ तो ऐसा भी कभी मेरे लिए "
तो क्यों तड़पाते हो दर्द देते हो मुझे रात दिन
क्यों नही आते हो पास मेरे
क्यों दूर रह कर ग़िला करते हो मुझसे
तुम और मैं हम बन जाए
करो कुछ तो ऐसा भी कभी मेरे लिए "
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