"जी चाहता है छुपा के सबसे
उसे अपने दिल में बसा कर रखूँ
हाथों में लेकर उसका चेहरा दिन भर निहारूँ
छोटी से छोटी अपनी सब बाते मैं उसे सुनाऊँ
तंग करूँ उसे फिर जब वो नाराज़ हो
प्यार से गले में डाल कर
अपनी बाहें उसे मनाऊँ
सावन के इस महीने में
वो पास हो मेरे
बस इतना सा ही मैं चाहूँ "
उसे अपने दिल में बसा कर रखूँ
हाथों में लेकर उसका चेहरा दिन भर निहारूँ
छोटी से छोटी अपनी सब बाते मैं उसे सुनाऊँ
तंग करूँ उसे फिर जब वो नाराज़ हो
प्यार से गले में डाल कर
अपनी बाहें उसे मनाऊँ
सावन के इस महीने में
वो पास हो मेरे
बस इतना सा ही मैं चाहूँ "
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