"मेरी है तू, तेरा हूँ मैं, मेरी साँसों में आ के समां जा
पल दो पल की दूरी है बस तेरे मेरे दरमियाँ
कहाँ है तू आ जा मेरी बाहों में आ जा
मेरे दिल पर छाया है बस अब तेरा ही सुरुर
रूबरू हूँ मैं तेरे, रूबरू हो तू मेरे
और क्या चाहूँ मैं अब खुदा से अपने "
No comments:
Post a Comment