कुछ अहसास
Thursday, December 5, 2013
"दो कदम तुम भी चलो दो कदम हम भी चले कहा था तुमने कभी ऐसा
फिर क्यों दो कदम भी तुम साथ चल न सके मेरे "
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment