"मेरी मुहब्बत बस तुम ही हो
तुम्हे याद कर महकती - बहकती हूँ मैं
तुम्हे याद कर हंसती - रोती हूँ मैं
तुमसे मेरी जमीं तुमसे ही है आसमाँ
तुमने ही सपने देखने सिखाये
और तोडा भी उन्हें तुमने ही है"
तुम्हे याद कर महकती - बहकती हूँ मैं
तुम्हे याद कर हंसती - रोती हूँ मैं
तुमसे मेरी जमीं तुमसे ही है आसमाँ
तुमने ही सपने देखने सिखाये
और तोडा भी उन्हें तुमने ही है"
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