Monday, April 22, 2013

"जैसा मैं तुम्हे महसूस करती हूँ क्या वैसा तुमने मुझे महसूस किया है कभी
तुम्हारी बाहों के घेरे में  तुम्हारे सीने पे अपना सर टिका कर तुम्हारी सांसों को  अक्सर ही सुना है मैंने  
जैसा प्यार मैंने तुम्हे  किया है क्या वैसा ही कभी चाहा है तुमने मुझे  
रातों को रोज़ ही सपनों में अपने पास देखा है मैंने तुम्हें 
तुम्हारे ऊपर जिस तरह फ़िदा हूँ मैं क्या तुम भी कभी मेरे बारे में सोचते हो 
तुम्हारे  जिक्र से ही  थम जाती हैं मेरे दिल की धड़कने 
क्या कभी तुम्हें भी ऐसा ही नशा हुआ मेरे नाम से "   

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