Friday, April 7, 2023

सूखा हुआ फूल

कुछ तो यादों का मन पर बोझ है
उस पर ये मौसम भी 
अपना रंग बदल रहा है
सोचा तो बहुत कि
इन दोनों से ही दूर
कहीं मन को भगा ले जाऊं
फिर एक किताब पढ़ने बैठी 
जैसे ही कुछ पन्ने पढ़े
उसमें से एक सूखा फूल
फिर मुझे मिल गया

No comments:

Post a Comment