Friday, June 23, 2017

हिचकियाँ


"हम भी हो जाते ग़र तुम्हारी तरह 
हिचकियाँ तुम्हें परेशान नहीं करती " 

1 comment:

  1. हिचकियों का क्या कहना सॉसों पर बन आई है...ये याद है या फिर मृगतृशणा,या फिर ये परछाई है..

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