Tuesday, December 28, 2010

फेसबुक पर मेरा सफ़र

एक वर्ष पूरा हुआ इस फेसबुक पर मेरा यह सफ़र,
कुछ अच्छा रहा, कुछ आहत हुई , कुछ मित्रों से मित्रता हुई,
कुछ सच में दोस्त साबित हुए, और कुछ ने फ्लर्ट किया,
तो कुछ विशेष दोस्त भी बने,
कैसी है यह फेसबुक ? कैसी है सोशल नेट्वर्किंग साईट,
हमारे पड़ोस में कौन रहता है हमें नही मालूम और घंटो में हम इसके साथ बैठे बतियाते रहते हैं,
है क्या सच में यहाँ हम दोस्त बनाते हैं,या बस अपना टाइम पास करते हैं,
और कभी - कभी अपने अकेलेपन से घबरा कर,
अनजान इंसान से अपने सुख - दुःख बांटते हैं,
अब गुज़र रहा है सन् २०१०, और आ रहा है सन् २०११,
तो आइये दोस्तों हम सब इसका स्वागत करे,
और इसी तरह जारी रखे फेसबुक के अपने इस सफ़र को.

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1 comment:

  1. i have not completed one year in face book..
    but i got a huge respone about my poems..

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